इक चुभती सी दर्द ज़ुबानी है
तेरे बिन.....
सह भी लेते हैं , सहा भी नहीं जाता।

इक कसमसाती सी कहानी है
तेरे बिन.....
कह भी लेते हैं , कहा भी नहीं जाता।

इक तड़पते अरमानों की रवानी है
तेरे बिन.....
बह भी लेते हैं , बहा भी नहीं जाता।

इक लंबे हिजर् में घुलती जवानी है
तेरे बिन.....
कर्राह भी लेते हैं , कर्राहा भी नहीं जाता।

इक शिद्दत ए इश्क़ की प्रीत रूहानी है
तेरे बिन.....
चाह भी लेते हैं ,चाहा भी नहीं जाता।

इक अजीब सी बेचैनी है
तेरे बिन.....
रह भी लेते हैं ,रहा भी नहीं जाता।❤️❤️

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