क्या ऐसा नहीं हो सकता हम
बेसब्र तेरा दीदार माँगें
और तुम अचानक मेरे
रूबरू आकर कहो
और कुछ.....?

क्या ऐसा नहीं हो सकता हम
आँसू बहाने को तेरा कंधा माँगें
और मेरे अश्कों को हँसी में
बदल कर तुम कहो
और कुछ......?

क्या ऐसा नहीं हो सकता हम
उलझनें सुलझाने को तुम्हें माँगे
और हर कश्मकश से मेरा हाथ
पकड़ निकाल कर तुम कहो
प्रीत ......💓
और कुछ.......?

क्या ऐसा नहीं हो सकता हम
सिर्फ़ तेरा प्यार माँगें
और तुम गले लगा के कहो
और कुछ........?
बोलो ना.....प्रीत
और कुछ.........?❤️❤️

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