हर बोल मेरी पहचान में
तारूख है मेरा
सुन लिया करो.....
क्या मालूम...मेरी आवाज़
कब ख़ामोश हो जाये।
हर जज़्बात मेरी शख़्सियत का
आईना है मेरा
महसूस कर लिया करो...
कौन जाने...प्रीत रूहानियत
कफ़न ओढ़ सो जाये।
हर एहसास मोहब्बत की
चादर में लिपटा है मेरा
संजो लिया करो.....
क्या पता...तुम पर आया प्यार
क़ब्र सा पत्थर हो जाये।
हर अल्फाज दिल का
दर्द है मेरा
पढ़ लिया करो.....
कौन जाने...कौन सी शायरी
आख़िरी हो जाये।❤️❤️
तारूख है मेरा
सुन लिया करो.....
क्या मालूम...मेरी आवाज़
कब ख़ामोश हो जाये।
हर जज़्बात मेरी शख़्सियत का
आईना है मेरा
महसूस कर लिया करो...
कौन जाने...प्रीत रूहानियत
कफ़न ओढ़ सो जाये।
हर एहसास मोहब्बत की
चादर में लिपटा है मेरा
संजो लिया करो.....
क्या पता...तुम पर आया प्यार
क़ब्र सा पत्थर हो जाये।
हर अल्फाज दिल का
दर्द है मेरा
पढ़ लिया करो.....
कौन जाने...कौन सी शायरी
आख़िरी हो जाये।❤️❤️
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