उसने मेरी पलकों की चिलमन के
कोनों में छुपा कर
इक प्यारा ख़याल
दिया था मुझे
मैंने आँखों के मख़मल में
अब तलक सहेज रखा है।

इक दिलकश अक्स
तसव्वुर ए नज़र किया था
उसने मुझे
मैंने अपने वजूद मे
वो जिस्म ढाल कर
उसे अपना आईना कर रखा है।

उसने थोड़ा सा एहसास
अपनी महक का
दिया था मुझे
मैंने आज तलक उसी
प्रीत को दिल ए ज़मीं में
दफ़्न ए राज सा रखा है।

किसी ने थोड़ा सा
अपना वक़्त दिया था मुझे
मैंने आज तक उसे
इश्क़ समझ कर
संभाल रखा है।❤️❤️

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