तन्हाई के दामन में
खुद को समेट रखे हैं
जिस महफ़िल में
उसका दिल ना लगे
वहाँ पे जाना हम
गवारा ना करेंगे।
शिद्दत से रखी है मोहब्बत
तह ए दिल में उसकी
दुनिया को कहीं
ख़बर ना लगे
लगा कर इक
टीका मुराद का
अपनी प्रीत को महफ़ूज़ करेंगे।
छुपा रखी है नमी
मुसकुराहटों के तले
कहीं किसी को जरा
पता ना लगे
फ़ना हो जायें तो भी क्या
दुआ तेरे लिए जाना
हम हर बार करेंगे।
इक वादा
खुद से है आज
जो उसे अच्छा ना लगे
वैसा कोई भी काम
हम नहीं करेंगे।❤️❤️
खुद को समेट रखे हैं
जिस महफ़िल में
उसका दिल ना लगे
वहाँ पे जाना हम
गवारा ना करेंगे।
शिद्दत से रखी है मोहब्बत
तह ए दिल में उसकी
दुनिया को कहीं
ख़बर ना लगे
लगा कर इक
टीका मुराद का
अपनी प्रीत को महफ़ूज़ करेंगे।
छुपा रखी है नमी
मुसकुराहटों के तले
कहीं किसी को जरा
पता ना लगे
फ़ना हो जायें तो भी क्या
दुआ तेरे लिए जाना
हम हर बार करेंगे।
इक वादा
खुद से है आज
जो उसे अच्छा ना लगे
वैसा कोई भी काम
हम नहीं करेंगे।❤️❤️
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