मेरे इख़्तियार में कहाँ
मुझमें तेरा अक्स ए वजूद
तय कर पाना
बस ये जान लो तुम कि
मुझमें मैं कम हूँ
और तुम बहुत ज़्यादा हो।

मेरे क़ाबू में नहीं है
मेरे ख़याल ए इश्क़ को
मुझमें रोक पाना
बस ये समझ लो तुम कि
दिल में धड़कनें कम हैं
और तेरा नाम ज़्यादा है।

मेरी सोच से परे है
मेरी तमन्ना ओ प्रीत का
मेरे ज़हन में समा जाना
बस कुछ ऐसा है कि
मेरे पास सांसें कम हैं
और प्यार बहुत ज़्यादा है।

मेरे बस में नहीं है
हाल ए दिल बयां करना
बस ये समझ लो कि
लफ़्ज़ कम हैं
और मोहब्बत ज़्यादा है।❤️❤️

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