मुसकुराहटें अधूरी हैं
आँखों में नमी के बिना।
बारिश अधूरी है
सूखी ज़मीं के बिना।
दर्द की तड़प अधूरी है
स्पर्श ए मरहमी के बिना।
अक्स ए तस्वीर अधूरी है
रूह ए ज़िंदगी के बिना।
शिद्दत अधूरी है
एहसास ए बंदगी के बिना।
मिलन की घड़ी अधूरी है
हिजर् की सदियों के बिना।
सुकूं ए मोहब्बत अधूरी है
बेचैन ए इश्क़ के बिना।
ज़िंदगी अधूरी है
मौत के ज़िक्र के बिना।
प्रीत भी तो अधूरी है
तेरे इंतज़ार के बिना।
हर कोई अधूरा है
किसी अपने के बिना।❤️❤️

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