दुनिया की हर
शैय से ज़्यादा मुझे
तेरा एहसास पसंद है
अगली बार आओ तो...
मेरे रूबरू होने रहने का
वक़्त ले आना।

ख़्वाहिश नहीं मुझे
कंगन ग़ज़रे की
तेरी बाँहों का हार
मुझे बेहद पसंद है
अगली बार आओ तो...
देर तलक महसूस
होने का
वक़्त ले आना।

वास्ता नहीं मुझे
फ़िज़ा के रंगीन होने से
मुझे तेरी महक में लिपटा
तेरा अक्स पसंद है
अगली बार आओ तो...
खुद को मुझ में
छोड़ जाने का
वक़्त ले आना।

जुस्तजू नहीं सजी
महफ़िलें की मुझे
प्रीत को बस तेरा
इश्क़ पसंद है
अगली बार आओ तो...
प्रीत की रूह में ज्जब
हो जाने का
वक़्त ले आना।

मुझे महँगे तोहफ़े
पसंद हैं
अगली बार आओ तो...
बस बहुत सा
वक़्त ले आना।❤️❤️

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