मेरी दहलीज़ पे
तेरे क़दमों की
आहट को तकना
बेशुमार रहेगा
मौसम चाहे कितने
भी बदलें....
मेरे कानों को
सिर्फ़ तेरी दस्तक का
इंतज़ार रहेगा।

मेरे जिस्म के
हर ज़र्रे तेरा स्पर्श
तेरी प्रीत सा
बरक़रार रहेगा
उम्र चाहे कितनी भी
ढल जाये....
मेरे अक्स को
तेरी महक में लिपटने का
बेहद इंतज़ार रहेगा।

मेरे हाथों में
तेरे हाथों की पकड़
हिफ़ाज़त सा
इज़हार रहेगा
बदल जाये बेशक
तक़दीर कितनी....
मेरी लकीरों में
महफ़ूज़ तेरे इश्क़ का
इंतज़ार रहेगा।

इन आँखों को
तेरे दीदार का
इंतज़ार रहेगा
बीत जाये
कितना भी वक़्त ....
इस दिल को हमेशा
तेरा इंतज़ार रहेगा।❤️❤️

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