जैसे ज़हन में
इक ख़याल रूक गया
जैसे नींद में
वही ख़्वाब छुप गया
ऐसे गुज़रा साल ...मुझमें कहीं रह गया।

जैसे पलकों की
मुस्कुराहट में
वो अश्क़ रूक गया
जैसे गहरी साँसों में
वही एहसास छुप गया
ऐसे गुज़रा साल ...मुझमें कहीं रह गया।

जैसे तसव्वुर में बन
वही अक्स रह गया
जैसे नज़रों से हट
वो रूह में उतर गया
ऐसे गुज़रा साल...मुझमें कहीं रह गया।

जैसे पन्नों पे बिखरे
लफ़्ज़ों में छुप गया
जैसे मेरी तस्वीरों के
रंगों में दबा रह गया
ऐसे गुज़रा साल...मुझमें कहीं रह गया।

जैसे मेरी दुआओं में
उसी फ़िक्र सा रह गया
जैसे प्रीत इबादत में
वही खुदा बन रह गया
ऐसे गुज़रा साल...मुझमें कहीं रह गया।

जैसे दहलीज़ पे
दस्तक सा मेरा
इंतज़ार बन रह गया
जैसे मेरी मोहब्बत का
वो इश्क़ जो कल था
वही आज भी रह गया
ऐसे गुज़रा साल...मुझमें
जा कर भी ठहर गया।
ऐसे नये साल में मेरा
गुज़रा साल घुल गया।❤️❤️
नया साल मुबारक सबको😊

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