ख़याल बदले
मजाल बदले पर
तुम अपने ज़हन से
मेरी तस्वीर
ना बदलना
तुम तसव्वुर में हो
मेरे ही रूबरू रहना।

फ़िज़ा बदले
गिजा बदले पर
तुम अपने इश्क़ का
ज़ायक़ा ना बदलना
तुम जुबां पे हो
मेरी ही आवाज़ में रहना।

नज़्म बदले
ग़ज़ल बदले पर
तुम मेरे अल्फ़ाज़ों की
तासीर ना बदलना
तुम्हीं मेरी तहरीर हो
मेरे ही लफ़्ज़ों मे शामिल रहना।

उम्र बदले
अक्स बदले पर
तुम कभी अपनी
प्रीत ना बदलना
तुम मेरा इश्क़ हो
मेरी ही मोहब्बत रहना।

साल चाहे जितने
भी बदलें पर
तुम कभी मत बदलना
तुम मेरे हो .......बस...
मेरे ही रहना।❤️❤️


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