मुस्कुराने का सच
सबका जुदा होता है
कोई ख़ुशी में हंस दे
किसी के अश्कों पर
मुस्कुराहट का पैबंद
होता है।

टूटी ख़्वाहिशों का ग़म
हर किसी का नसीब
होता है
कहीं तंग लाचार
तो कहीं
प्रीत ओ प्यार का
ग़म होता है।

कोई भीड़ में भी
तन्हा तड़पता है
कोई तन्हाई में
इक शख़्स से
गुफ़्तगू को तरसता है

अजीब सा आलम है
इस दुनिया का ऐ खुदा
कोई तुझे पाने को
कसकता है
कोई तेरे वजूद पे ही
सवाल करता है।

किसी किसी में नहीं
हर किसी में होता है
एक दर्द सबकी
ख़ामोशी में होता है।❤️❤️

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