तेरे हिजर् में
ख़ामोशियों को
यूँ सुना जैसे
इंतज़ार की दस्तक पे
मेरे दिल का धड़कना
उस पल ठहर गया।
रूबरू पा के तुझे
कड़क सर्द फ़िज़ा में जैसे
तपते सहरा की
गरम हवाओं से
प्रीत का बदन
जलती लौ सा
सहर गया।
तेरी छुअन से
हर एहसास का
पिघल कर तुझमें
जज़्ब होना जैसे
मेरे वजूद का
निशाँ तेरे अक्स में
जैसे गहर गया।
उस वक़्त जब
रवि चाँद में बदला जैसे
तुझसे बिछडते मेरी
ज़िंदगी का हर
लम्हा मुझमें जैसे
ज़हर गया।
तेरे जाते ही
ये आलम है जैसे
तुझे देखे हुए
सनम ज़माना
गुज़र गया।❤️❤️
ख़ामोशियों को
यूँ सुना जैसे
इंतज़ार की दस्तक पे
मेरे दिल का धड़कना
उस पल ठहर गया।
रूबरू पा के तुझे
कड़क सर्द फ़िज़ा में जैसे
तपते सहरा की
गरम हवाओं से
प्रीत का बदन
जलती लौ सा
सहर गया।
तेरी छुअन से
हर एहसास का
पिघल कर तुझमें
जज़्ब होना जैसे
मेरे वजूद का
निशाँ तेरे अक्स में
जैसे गहर गया।
उस वक़्त जब
रवि चाँद में बदला जैसे
तुझसे बिछडते मेरी
ज़िंदगी का हर
लम्हा मुझमें जैसे
ज़हर गया।
तेरे जाते ही
ये आलम है जैसे
तुझे देखे हुए
सनम ज़माना
गुज़र गया।❤️❤️
Nice
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