बस इतना सा
असर होगा
मेरे अल्फाजों का
कि जब भी
ग़ौर से पढ़ोगे तो
तो ख़ुद को
हर लफ़्ज़ मे पाओगे।

बस इतना सा
असर होगा
मेरे वजूद का
जब भी ज़िक्र
प्रीत का कहीं होगा
तो मेरा ही चेहरा
तसव्वुर में लाओगे।

बस इतना सा
असर होगा
मेरी मुस्कुराहट का
कि जब कभी
दर्द में होगे
तो मुझे याद कर
भरी आँखों से मुसकुराओगे।

बस इतना सा
असर होगा
हमारी यादों का
कि कभी कभी
तुम बिना बात
मुसकुराओगे।❤️❤️

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