ज़िंदगी .....💓
दर्दों का ही आलम
नहीं होना चाहिये
गर इक ढूबा हो
अश्क़ ओ समंदर में
तो दूसरे को
मरहम ए साथ की
मुसकान देनी चाहिये।
एहसास.....💖
नाज़ुक हैं बहुत
टूटनें से इनकी
हिफ़ाज़त होनी चाहिये
गर इक ज़रा बेपरवाह हो
तो दूसरे को
सहेज कर महफ़ूज़
कर लेने चाहिये।
मोहब्बत .....💞
रूह में बसी
इबादत होनी चाहिये
गर ज़िंदगी लिखी हो
हिजर् की स्याही से
तो इक दूसरे की
प्रीत दिल में दबा
आख़री साँस तलक
मुकम्मल करनी चाहिये।
रिश्ते .....💝
ख़ामोश नहीं
होने चाहिये
गर इक चुप हो
तो दूसरे को
आवाज़ देनी चाहिये।❤️❤️

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