शायरी इक तजुर्बा है
ज़िंदगी का
जज़्बात लफ़्ज़ों के लिबास में
लिपट कर उतरते हैं
पन्नों पर।
शायरी इक पहेली है
ज़हन ओ दिल की
सुराग़ छुपे रहते हैं
दबे राजों पर।
शायरी इक क़ब्रिस्तान है
ख़्वाबों का
अल्फाजों के कफ़न ओढ़े
दफ़्न पड़े
मरे अरमानों पर।
शायरी इक नशा भी है
प्रीत का
जिसमें उन्स ए लहू की स्याही में
ढूबे एहसास
रोज़ लड़खड़ा गिरते हैं
इसी इश्क़ की लत पर।❤️❤️
ज़िंदगी का
जज़्बात लफ़्ज़ों के लिबास में
लिपट कर उतरते हैं
पन्नों पर।
शायरी इक पहेली है
ज़हन ओ दिल की
सुराग़ छुपे रहते हैं
दबे राजों पर।
शायरी इक क़ब्रिस्तान है
ख़्वाबों का
अल्फाजों के कफ़न ओढ़े
दफ़्न पड़े
मरे अरमानों पर।
शायरी इक नशा भी है
प्रीत का
जिसमें उन्स ए लहू की स्याही में
ढूबे एहसास
रोज़ लड़खड़ा गिरते हैं
इसी इश्क़ की लत पर।❤️❤️
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