हर वक़्त हो पाये गुफ़्तगू
ये ना सोचिये
इशारों में भी होती हैं बातें
ज़रा तो.....सुना कीजिये ।
हर बार हो दीदार रूबरू
ये मुमकिन तो नहीं
बेहतर तो ये है कि
यादों में इक मुलाक़ात कीजिये।
गिला सनम की किसी
इक बात का
यूँ ना दिल को लगाइये
अच्छा तो ये है कि
प्रीत में लिपटे उसके
हर लफ़्ज़ को याद कीजिये ।
इक रवैया ज़रा तल्ख़
लगा जो उसका
दरूसत तो ये है कि
उसका हर रूमानी लहजा
ज़रा रोमांच कीजिये।
रिश्ता क्या है ये
जानने से अच्छा
अपनापन कितना है
ये महसूस कीजिये।❤️❤️
ये ना सोचिये
इशारों में भी होती हैं बातें
ज़रा तो.....सुना कीजिये ।
हर बार हो दीदार रूबरू
ये मुमकिन तो नहीं
बेहतर तो ये है कि
यादों में इक मुलाक़ात कीजिये।
गिला सनम की किसी
इक बात का
यूँ ना दिल को लगाइये
अच्छा तो ये है कि
प्रीत में लिपटे उसके
हर लफ़्ज़ को याद कीजिये ।
इक रवैया ज़रा तल्ख़
लगा जो उसका
दरूसत तो ये है कि
उसका हर रूमानी लहजा
ज़रा रोमांच कीजिये।
रिश्ता क्या है ये
जानने से अच्छा
अपनापन कितना है
ये महसूस कीजिये।❤️❤️
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