पलकों की चिलमन में
बेहद गहरी आँखों में
जब इक ख़्वाब आया
हुबहू तुम सा था
मेरी रूह से लिपटा
वो तेरे अक्स का साया।
उलझनें बेहिसाब ज़हन में
इस क़दर हर दफ़ा
कहें तो फ़ुर्सत नहीं
फिर भी मसरूफ से हरपल में आया
वो ख़याल तेरा जो
मुझे हर लम्हा उलझे हुए भी आया।
बेकरारियां धड़कनों में
बेहिसाब धड़कती रही
सुकूं था तेरी प्रीत का
तभी तो तुझ पे प्यार आया
इश्क़ है,जूनूं है,क्या नाम है इसका
हर रिश्ते से ऊपर बस
तुझी से ताल्लुक़ पाया।
कहानी का क़िस्सा
ख़त्म होने आया
यादों की चादर ओढ़कर
किरदार फिर सामने आया।❤️❤️
बेहद गहरी आँखों में
जब इक ख़्वाब आया
हुबहू तुम सा था
मेरी रूह से लिपटा
वो तेरे अक्स का साया।
उलझनें बेहिसाब ज़हन में
इस क़दर हर दफ़ा
कहें तो फ़ुर्सत नहीं
फिर भी मसरूफ से हरपल में आया
वो ख़याल तेरा जो
मुझे हर लम्हा उलझे हुए भी आया।
बेकरारियां धड़कनों में
बेहिसाब धड़कती रही
सुकूं था तेरी प्रीत का
तभी तो तुझ पे प्यार आया
इश्क़ है,जूनूं है,क्या नाम है इसका
हर रिश्ते से ऊपर बस
तुझी से ताल्लुक़ पाया।
कहानी का क़िस्सा
ख़त्म होने आया
यादों की चादर ओढ़कर
किरदार फिर सामने आया।❤️❤️
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