❤️दिल से ज़्यादा मधुर
सरगम नहीं है जहाँ में
साज बजता है
धड़कनों की धुन में
मगर.....सबसे ज़्यादा
ख़ामोशी के सन्नाटे
यहीं परोसते हैं।
❤️दिल से ज़्यादा पोशिदा
तिजोरी नहीं है दुनिया में
मगर......सबसे ज़्यादा राज
यहीं तो खुलते हैं।
❤️दिल से ज़्यादा प्रीत
चाहत मोहब्बत कहाँ है
मगर.....बेइंतहां नफ़रत
यहीं तो पलती है।
❤️दिल से अपना लेने की
ख़ुशी कहाँ है इस जग में
मगर......दिल से उतर जाने की
यहीं तो रिवायत है।
❤️दिल से ज़्यादा महफ़ूज़
जगह नहीं है दुनिया में
मगर.......सबसे ज़्यादा लोग
लापता भी यहीं से होते हैं।❤️❤️


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