लिखा है  लफ़्ज़ों में दर्द कितना
सब पढ़ना भूल गए हैं
कोई मुस्कुरा रहा है बेहद क्यूँ
आँखों मे भरा समंदर भूल गए हैं
कोई महफ़िल में ख़ामोश सहमा सा
वो तन्हा है कितना भूल गए हैं
किसी का क्या वास्ता किसी से प्रीत
क्या अब लोग इंसानियत का नाता भूल गए हैं?
लोग ज़िंदगी का सबसे छोटा क़ीमती
लफ़्ज़ भूल गए हैं।    
........❤️प्यार ❤️.........

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