ख़्वाबों को मुकम्मल
होने का शौंक है
मगर......
मुमकिन नहीं आँखों की
पनाह के बग़ैर ।
धड़कनों को शोख़ियों में
बजने का शौंक है
मगर......
मुमकिन नहीं दिल की
इजाज़त के बग़ैर ।
अक्स को जज़्ब
होने का शौंक है
मगर......
मुमकिन कहां ऐ प्रीत
रूह में शिद्दत से उतरे बग़ैर ।
इश्क़ को महबूब के
सरूर का शौंक है
मगर......
मुमकिन नहीं मोहब्बत के
जनून के बग़ैर ।❤️❤️

Comments

  1. woh mujhe pasand thi uske kareb main aata gaya samdar me tairna sikha tha par uske khubsurat ankho me dub gaya

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