अश्कों को छुपा
थोड़ा मुस्कुराया जाए
बरसात हर वक्त
कहां पसंद आती है।
दर्द है तो दफ़न कहीं
तहों में कर दिया जाए
ठीस किसी दूसरे को
कहां महसूस होती है।
अल्फ़ाज़ गुम हैं तो
ख़ामोश रहा जाए
प्रीत तो एहसास में है
कहां जुबां से ब्यां होती है।❤️❤️
थोड़ा मुस्कुराया जाए
बरसात हर वक्त
कहां पसंद आती है।
दर्द है तो दफ़न कहीं
तहों में कर दिया जाए
ठीस किसी दूसरे को
कहां महसूस होती है।
अल्फ़ाज़ गुम हैं तो
ख़ामोश रहा जाए
प्रीत तो एहसास में है
कहां जुबां से ब्यां होती है।❤️❤️
Comments
Post a Comment