वो......इक रात

इक काली सी तन्हा रात
इक क़तरा चाँद हो साथ
टिमटिमाती चादर सा आसमां
कुछ बरसी ओस की विसात
हवा भी मस्त बिखेरती साज
जुगनूयों की रोशन बारात
मेरी गोद में सर हो तेरा और
बेहद नशीला मोहब्बत का एहसास
तेरे बालों में मेरी सरकती उँगलियाँ
तेरी धीमे मुझे पुकारती आवाज़ और
मेरी हामी हो, हर जो तू कहे बात
मेरी प्रीत हो तेरे इश्क़ के साथ
कुछ ऐसे गुज़रती इक दिलकश रात
कितनी हसीं होती वो अपनी रात❤️❤️

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