मैं बदल गई.....
तेरी याद किस किस शक्ल में
मेरी ग़ज़लों , नज़्मों में बदल गई।
जब भी देखा मैनें ख़ुद का आईना
प्रीत थी मैं, अब तेरे अक्स में बदल गई।।❤️❤️
मेरी ग़ज़लों , नज़्मों में बदल गई।
जब भी देखा मैनें ख़ुद का आईना
प्रीत थी मैं, अब तेरे अक्स में बदल गई।।❤️❤️
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